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स्टोरी हाइलाइट्स
- यूपी पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल
- पिता को बेरहमी से पीटा गया, बच्चा गोद में रोता रहा
सुप्रीम कोर्ट से लेकर बाल आयोग तक सख्त चेतावनी देता है कि मासूम बच्चों के सामने पुलिस हिंसक कार्रवाई न करे. इससे बच्चों के मन पर गलत प्रभाव पड़ता है. लेकिन बात जब यूपी पुलिस की हो तो लगता है सारे पैमाने धराशाई हो जाते हैं. आज कानपूर देहात की पुलिस ने ऐसा ही नजारा दिखा दिया. यहां जिला हॉस्पिटल में एक कर्मचारी को उसके मासूम बच्चे के सामने थानेदार और पुलिस ने इस कदर लाठियों से पीटा जैसे वह कोई भूसे का बोरा हो.
पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल
शर्मनाक बात ये है कि इस दौरान पिता की गोद में तीन साल का मासूम बच्चा पुलिस का रूप देखकर जोर जोर से रोता रहा, चीखता रहा, पिता बच्चे को लगने की दुहाई देता रहा. इतना ही नहीं पिता जब बच्चे को लेकर भगा तो उसको दौड़ाकर पीटा गया और बच्चे को भी छीनने का प्रयास हुआ.
पुलिस ने ये लाठीचार्ज जिला हॉस्पिटल के कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर किया था. कर्मचारी हॉस्पिटल के बगल में चल रही खुदाई का विरोध कर रहे थे क्योंकि उसकी मिट्टी उड़-उड़कर पूरे हॉस्पिटल में भर रही थी. लेकिन इस दौरान बच्चा लिए एक पिता पर जो पुलिस ने कार्रवाई की उस पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
इस दौरान एक कर्मचारी रजनीश को पुलिस मारते हुए थाने भी ले गई. एसडीएम वागीश शुक्ला का आरोप है कि कर्मचारी सुबह से हॉस्पिटल में प्रदर्शन कर रहे थे. गेट बंद किये थे. इसलिए एक कर्मचारी रजनीश को पकड़ा गया है. एसडीएम ये भी कहने से नहीं चूके कि लाठी चार्ज तो कही हुआ ही नहीं.
प्रशासन का आरोप है कि हॉस्पिटल के कर्मचारियों से मरीजों को परेशानी थी. ऐसे में उनको हटाना प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारी थी. पुलिस के मुताबिक पहले बातचीत के जरिए प्रदर्शकारियों को हटने के लिए कहा गया था लेकिन जब बात नहीं बनी तब लाठीचार्ज कर दिया गया. इस दौरान पुलिस ने जिला अस्पताल के कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और पुलिस वैन में लेकर चले गए.
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